03.10.2020 ॴशिद(मलमास)(ॴश्विन/असूज)(मलमासे) गटॖ पछॖ (कृष्ण पक्ष) द्वय (देवादेव) (द्विती) बटॖवार (शनिवार/ शनिश्चरवार),श्री सप्तर्षि सम्वत 5096, राश मेष (दुहचि 8.50 बजि प्यठॖ), ऋतु हरुद (शरद) (चलान), द्रठॖपऻन्च़ुक (पंचक)समाप्त
**************************
नमस्कार माहरा त्वहि सारिनी म्योन। त्वहि ऒरज़ुव दॊरकॊठ आय बत्तॖ। वुद्यूग करव मुकाम प्रावव
**************************
महामऻरी नाश - मंत्र
जयन्ती मन्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वहा स्वधा नमोस्तुते
**************************
लल वाक्
(पराग पुस्तक - 78)
ज़ानॖहा नऻड्य दल मनॖ रठिथ
च़ठिथ वऺटिथ कऺटिथ क्लेश
ज़ानॖहा अदॖ असतॖ रसायन गऺटिथ
शिव छुय क्रूठ तय च़ेन व्वपदीश
अर्थात
मैं नाडियों के दल (इडा, सुषमना, तथा पिंगला) को मन द्वारा पकड सकती या काबू में ला सकती और इस से सर्व क्लेशों को समेटकर काट कर कम या समाप्त कर सकती। तब ही मैं इस (आत्मज्ञान) रसायन को धीरे धीरे तयार करके पीना जान सकती थी। इसलिए इसी उपदेश का मनन कर नहीं तो शिव को पाना कठिन है।
**************************
पांछ़ कऻशिर्य लफ़ॖज़ तॖ तिमन हुन्द अंग्रीज़स मंज़ तर्जमॖ तॖ त्रे मुहावरॖ याने कऻशिर्य दपित
******
1. पाकॖ अनुन/पाख द्युन (To boil)
2. पाख परवर दिगार (God is sacred)
3. पाख दामन (Virtuous/Modest/Chaste)
4. पागल (Mad/Insane/Foolish/Stupid/Idiotic/Mad man/Lunatic)
5. पागलपन (Madness/Insanity/Stupidity/Foolishness)
मुहावरॖ
1. मु: फटुन जान हटुन नॖ
अ: यि छु ज़्यादॖ ख्यनस प्यठ
यिवान वनॖनॖ, या, युस ख्यन
तॖ ख्यन करि
2. मु: पचि तल हर
अ: कानि तल रोज़ुन, या,
लडायि खऺतरॖ तयार
3. मु: पर गगुर छु च़ानान गर
गगरस लार
अ: व्वपर कड़ान मऻल्यकस
गरि, या, यॆलि व्वपर
मऻलिख लागि
(शुर्य पनॖन्य ह्यॆछनऻव्यूख)
**************************
पंचान्ग:- कऺशीरि मंज़ ब्यॆयि कॆंह मन्दर या आश्रम या धर्मस्थल यिम म्यॆ ज़ेहनस मंज़ छि तिहॖन्द्य नाव छि - भीमाश्वरी मन्दर, सोपोर, मामलेश्वर मन्दर, पऺहलगाम, म्यर्ज़ॖ काक आश्रम, हांगलगुन्ड, रॊपॖ भवऻनी अस्थापन, मनिगाम, त्रिपुरा गंगा, बोनपुर मन्दर, बुह्युर मन्दर, गणेश मन्दर, गऺणशिबल, पहलगाम, गंगा माता तीर्थ, गौरी शंकर मन्दर, श्रीनगर, मंगला देवी मन्दर, पुलवोम, राम जू मन्दर, पादशाह क्वलि प्यठ, शिव मन्दर ॴरीगाम, शिव मन्दर, जोगीलंकर, रॗन्यवोर, शिव मन्दर, मीशापुर, रॗन्यवोर, शिव मन्दर, नऻविदयार, रॗन्यवोर, ठोकुर द्वार, शुपियन। वुछव यॊदवय कऺशीर छि बऺरिथ मन्दरव सॗत्य, पहाड़ कि तेन्तालि प्यठॖ वुडरक्यन थॊंग्यन ताम, गामन तॖ शहरन मंज़, मऺहल्लन मंज़, गल्यन तॖ कोचन मंज़। महादेव, हरिश्वर, सऺरीश्वर, द्यऻन्यश्वर, गंगॖ जटन, अमर नाथ, बूढा अमरनाथ, गुद्दर, हारी पर्वत, शंकराचार, दुर्गानाग, ल्वकुपोर, थऺजवोर, भद्रकऻली, हन्दवोर वगैरा वगैरा। यपऻर्य यपऻर्य नज़र प्यवान छि दीवी दीवताहन हुन्द वास छु तपऻर्य। कथ छि जऻरी
**************************
कऻशुर ह्यॆछव कऻशुर परव
कऻशिरय पऻठ्य पानॖवॖन्य कथ बाथ करव
**************************
नऺविव तॖ फॊलिव
भूषण कौल "दीप"
(बूज़िव ॳज़्युक सबक़ म्यानि ज़्यॆवि ति)
(koshursabak.blogspot.com ति वुछिव)
No comments:
Post a Comment