Saturday, June 11, 2022

12.06.2022

नमस्ते शारदे देवी काशमीर पुरवासिनि त्वामहं प्रार्थये नित्यं विद्यादानं च देहि मे
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🙏🙏 नमस्कार माहरा
12.06.2022 ज़्येठ (ज्येष्ठ) ज़ूनॖ पछॖ (शुक्ल पक्ष) त्रुवाह (त्रयोदशी) आथवार (रविवार/ऐतवार), श्री सप्तर्षि सम्वत 5098, नक्षत्र विशा, राश वृश्चिक (शाम 08.33 बजि प्यठॖ), ऋतु ग्रीष्म (चलान)
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त्वहि ऒरज़ुव दॊरकॊठ आय बत्तॖ। वुद्यूग करव मुकाम प्रावव
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  महामऺरी मंज़ - मंत्र
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वहा स्वधा नमोस्तुते
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तीज़मालि प्रुछ़ बरादरस ज़ि क्याहबा रातुक श्वलूक गॊयि च़्यॆ याद। आहनी मऻजी। यछ़ख यॊदवय तॖ बॖ बोज़नावथ। बरादरन द्युतनस जवाब। हय वुनि वॊनुम अकुय श्वलूक। यॆलि सऻरी बॖ वऺनिथ म्वकॖलावॖ तमि पतॖ ह्यमय बूज़िथ। तीज़मालि वॊन बरादरस। बोज़नावी अज़ दॊयिम श्वलुक मऻजी। 
*आशा-पाश-क्लेश-विनाशं विदधानां,*
*पादाम्भोज-ध्यान- पराणां पुरुषाणाम् । ईशीम्-ईशाङ्गार्ध हरां तां तनुमध्यां,* *गौरीम्-अम्बाम्-अम्बु- रुहाक्षीम् अहम्-ईडे*।।

अर्थ: जो भक्त जन उस शक्ति रूपी माता के चरण कमलों के ध्यान में लगे हुए हैं, उन के आशा के बन्धनों से पैदा हुए कष्टों को नाश करने वाली, शक्तिशाली, शंकर के आधे शरीर पर अधिकार वाली, सूक्ष्म कमर वाली, कमल जैसे नेत्रों वाली, माता गौरी की मैं स्तुति करता हूँ।

वाह। मन गव ख्वश मऻजी। बॖ छुस व्यन्ती करान पनॖन्यन बायन ब्यॆन्यन ज़ि तिमन पज़ि कूशिश करॖन्य पनॖन्यन शुर्यन परनावन यिम मंत्र, भज़न, पाठ वगैरा युथ तिमन ति पनॖनि धर्मॖच आस्था रोज़ि बरक़रार। बरादरन वॊन तीज़मालि कुन। आहनबा यि छु ज़ॊरूरी। तीज़मालि द्युतनस जवाब। कथ छि जऻरी।
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कऻशुर ह्यॆछिव कऻशुर पऺरिव कऻशिर्य पऻठ्य पानॖवुन्य कथ बाथ कऺरिव
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नविव तॖ फॊलिव
भूषण कौल "दीप" 
(बूज़िव ॳज़्युक सबक़ म्यानि ज़्यॆवि ति)
(यि सबक़ वुछिव podcast दऺस्य ति)
https://anchor.fm/bldeep
(यि सबक़ वुछिव koshursabak.blogspot.com प्यठॖ ति)

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